हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा हॉरर कहानी – Part 1

हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा भूत की कहानी – Part 1. That mysterious room of the hostel ghost story in Hindi – Part 1. You will here a best Horror story in Hindi book read.

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हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा हॉरर कहानी - Part 1, Horror Story In Hindi

आज भी उस खौफनाक घटना की वजह से हॉस्टल का वो कमरा बंद है।

ये बात तब की है, जब नीलेश मुझे पहली बार कॉलेज में मिला था। हम दोनों अलग-अलग जिले से थे।

हम दोनों का ही वो पहला साल था। मैं और नीलेश एक ही क्लास में थे। और धीरे-धीरे मैं और नीलेश बहुत ही पक्के दोस्त बन गए थे।

हम दोनों ही एक दूसरे को अपनी सारी बातें बताते थे। ऐसे ही एक दिन की बात है, जब उसने मुझे पहली बार अपने डर के बारें बताया था।

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मैं आपको बता दूँ, नीलेश एकदम निडर लड़का था। उसे किसी बात से डर नहीं लगता था।

नीलेश हॉस्टल में रहता था और मैं अपने रिश्तेदार के साथ उनके घर पर रहता था। (Best Thriller Horror Story In Hindi)

नीलेश क्यों डरा हुआ था


उस दिन नीलेश बहुत ही सहमा हुआ था। मैंने उससे कहा जो भी हुआ है मुझसे बताओ मैं तुम्हारा दोस्त हूँ।

तब नीलेश ने हकलाते हुए कहा !

भाई रात में जब मैं 1 बजे टॉयलेट करने के लिए उठा तो मैंने देखा की एक काला साया मुझे देख रहा है। जो मेरे रूममेट के बिस्तर के आगे खड़ा है।

मैं उस काले साये को अँधेरे में देखने की कोशिश करने लगा। और जब मैंने मोबाइल का टोर्च जलाया। तो वो साया अचानक से गायब हो गया। मुझे लगा ये मेरा भ्रम है। और फिर मैं सो गया।

लेकिन फिर जब मैं अगली सुबह उठा तो मैं हर रोज की तरह कॉलेज के लिए तैयार हो रहा था। तो मैंने अपने बेंच पर देखा मेरी किताबों पर काले काले धब्बे आ गए थे।

लेकिन मुझे कॉलेज जाने के लिए दे रहा था तो मैं उस बात पर ध्यान नहीं दिया और कॉलेज के लिए निकल गया। लेकिन उस दिन मैं पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाया।

फिर मैं शाम को वापस हॉस्टल आ गया। पर मैं बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था। फिर मैंने सोचा चलो थोड़ा नहा लेता हूँ।

फिर जब मैं नहा कर अपना शरीर टॉवल से पोंछ रहा था। तो मैं देखा मेरे बाजू पर वैसे ही काले धब्बे पड़े हैं। जैसा की मैं सुबह किताबों पर देखा था।

उसके बाद मैं डॉक्टर के पास गया ये सोचकर की मुझे कोई एलर्जी या बीमारी हो रही है।

डॉक्टर ने जब मेरे बाजू के काले धब्बे को देखा तो डॉक्टर ने कहा। कोई ऐसी बड़ी बात नहीं है अलग जगह की पानी की वजह से है जो धीरे धीरे सही हो जायेगा। फिर मैं रिलैक्स हो गया और वापस अपने हॉस्टल आ गया।

क्या देखा नीलेश ने कमरे में


हर रोज की तरह मैं अपनी डायरी लिख रहा था। मुझे हर एक बात अपनी डायरी में लिखने की आदत है। और उस समय मेरा रूममेट भी बाहर गया हुआ था।

थोड़ी देर बाद डायरी लिखते समय मुझे एक आवाज सुनाई दी। जैसे की मुझे कोई बुला रहा है।

दो तीन बार आवाज आने पर मैंने रूम का दरवाजा खोला और देखा। हर किसी का दरवाजा बंद था और गलियारे में कोई नहीं था। फिर मुझे थोड़ा थोड़ा डर लगने लगा। क्योंकि पूरा फ्लोर खाली खाली लग रहा था।

फिर मैंने दरवाजे को बंद किया और अपने बिस्तर पर सोने चला गया। लेकिन फिर अचानक ही मेरे दरवाजे की खटखटाने की आवाज मुझे सुनाई दी।

फिर मैंने डरते हुए दरवाजे को खोला तो मैंने देखा की मेरा रूममेट बाहर खड़ा है। उसको देखकर मुझे अच्छा लगा मेरी जान में जान आयी।

मैंने दरवाजा बंद किया और हम दोनों अपने-अपने बिस्तर पर सोने चले गए।

मैंने रात में सोचा ये सारी बातें मैं तुम्हे बताऊंगा। और मैं फिर सो गया। सुबह उठा तो मुझे बहुत बुखार हुआ लग रहा था।

फिर मैंने बुखार की गोली ली और कॉलेज चला आया। और अभी तुमसे आकर ये सब बता रहा हूँ।

मैंने नीलेश से क्या कहा


मैंने कहा नीलेश भाई तो तू वो हॉस्टल खाली कर दे। तो उसने कहा हाँ हॉस्टल मैं भी खाली करना चाहता हूँ। पर मैंने पूरी फीस हॉस्टल की दे दी है। और मेरे पास एक्स्ट्रा पैसे भी नहीं है। इसलिए मुझे 2 हफ्ता और उस हॉस्टल में गुजारना पड़ेगा।

फिर मैंने कहा तो नीलेश भाई बताओ मैं तुम्हारी मदद कैसे करूँ? तो नीलेश ने मुझसे कहा भाई 2 हफ्ते तक तुम मेरे साथ मेरे हॉस्टल में रह लो।

मैंने कहा नीलेश, मेरी गांव की टिकट आज की है। मैं तुम्हे बताना भूल गया था की आज मुझे गांव जरुरी काम से जाना पड़ेगा।

लेकिन नीलेश भाई तुम चिंता मत करो। मैं 1 हफ्ते में वापस आ जाऊँगा। फिर मैं तुम्हारे साथ हॉस्टल में रहूँगा।

नीलेश कहता है मुझसे ठीक है भाई तुम जल्दी आना। इसके बाद मैं नीलेश छोड़कर कर अपने गांव चला गया।

मेरे गांव जाने के बाद नीलेश के साथ क्या हो गया? जिसका पछतावा मुझे आज तक है। ये डरावनी कहानी पूरी पढ़नी के लिए आपको आगे पढ़ना होगा।