हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा हॉरर कहानी – Part 2

हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा हॉरर कहानी – Part 2 ये है। That mysterious room of the hostel ghost story in Hindi – Part 2. You will here a best Horror story in Hindi book to read next part.

मेरे गांव जाने के बाद नीलेश के साथ क्या हुआ ये जानने के लिए आपको आगे चलना होगा। वैसे नीलेश यहाँ तक कैसे पंहुचा? नीलेश की कहानी शुरू कहाँ से हुई? अगर आपको ये जानना है तो हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा हॉरर भाग-1 कहानी पढ़ लें।

मैंने वापस कॉलेज आने के बाद क्या देखा

हॉस्टल का वो रहस्यमयी कमरा हॉरर कहानी - Part 2, Horror story

एक हफ्ते बाद जब मैं वापस कॉलेज आया। तो मैंने देखा नीलेश कॉलेज नहीं आया था। फिर मैंने सोचा नीलेश को कॉल करता हूँ। मैं कॉल किया पर उसका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था।

मैंने नेट ऑन किया सोचा की उसको WhatsApp पर मैसेज कर दूँ। जैसे ही मैंने अपना नेट ऑन किया तो उसके कई Messages आ गए।

मेरे गांव में नेटवर्क नहीं रहता इसलिए मैंने अपना मोबाइल चेक ही नहीं किया था। ये Messages नीलेश ने मुझे 4 दिन पहले किये थे। और मैं आज देख रहा था।

नीलेश ने उसमे लिखा था की मैंने तुम्हारे पास कई बार कॉल किया पर तुम्हारा नंबर नेटवर्क से बाहर बता रहा था।

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इसलिए मैं व्हाट्सप्प पर मैसेज कर रहा हूँ। क्योंकि मुझे लग रहा है वो मुझे छोड़ेगा नहीं। मैं बच नहीं पाऊँगा।

इसलिए मैंने अपनी सारी कहानी अपनी डायरी में लिख दी है। और वो मैं अपने हॉस्टल के कमरे के सामने वाले बरगद के पेड़ के नीचे अपनी डायरी फेंक दिया हूँ।

अगर मुझे कुछ हो जाता है तो मेरी डायरी से मेरी ज़िन्दगी के असलियत लोगों के सामने तुम लाना। तुम मेरे भाई से भी बढ़कर हो। बस इतना ही मैसेज नीलेश ने मुझे भेजा था।

और उसी मैसेज के अनुसार मैं उसके हॉस्टल के कमरे के सामने वाले बरगद के पेड़ के पास पंहुचा जहाँ मुझे एक डायरी मिली। मैं उस डायरी को खोला तो देखा ये नीलेश की ही डायरी है।

क्या लिखा था उस डायरी में


मैंने देर न करते हुए डायरी उसी पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ना शुरू कर दिया। जहाँ तक नीलेश ने मुझे अपनी कहानी बताई थी। उसके आगे के पेज को मैंने पलटा।

वहां नीलेश ने लिखा था – आज मैं वापस अपने हॉस्टल में रात में आया। मैंने अपने कमरे में पहुंचकर देखा मेरा रूममेट वहां नहीं है। और सारे कपड़े और सामान बिखरे पड़े हैं।

मुझे लगा की मेरे बगल के रूम वालों की ये हरकत होगी। मैं बाहर गया देखा मेरे फ्लोर पर सबके रूम में ताला लगा है।

फिर मुझे लगा की शायद ये मेरे रूममेट नहीं किया होगा। रूम के इस हालत के बारें में हॉस्टल के मैनेजर से बोलने गया।

और मैंने अपना Room Number बताया। मैंने ये भी कहा मुझे शक है ये सब मेरे रूममेट ने किया है।

मैनेजर ये रजिस्टर निकला और मेरे Room Number की लिस्ट निकाली। और उसने जो कहा उससे तो मेरे पैरों तले मानो धरती खिसक गयी हो।

क्या थी उस रहस्यमयी कमरे की सच्चाई


उन्होंने कहा तुम्हारे रूम में सिर्फ तुम रहते हो। रजिस्टर में सिर्फ तुम्हारा नाम है उस रूम में अभी कोई और नहीं रहता।

मैं कहा नहीं, वहां एक लड़का मेरे साथ रहता है उसका नाम राहुल था।

तब मैनेजर ने थोड़ा सोचने के बाद बताया। राहुल नाम का लड़का आज से 1 साल पहले उसी रूम में रहता था। जिसकी लाश एक दिन उसी कमरे में मिली।

उसने चिट्ठी में लिखा था वो फेल होने की वजह से और पढाई की डिप्रेस्शन की वजह से सुसाइड कर रहा है।

इतना कहकर मैनेजर अपने घर की ओर निकल जाता है। मैं बहुत ज्यादा डर चूका था।

मैं सोचा अपना सामान पैक करके यहाँ से निकल जाता हूँ। कुछ दिन कहीं भी रह लूंगा पर यहाँ नहीं रहूँगा।

नीलेश के साथ उस रात क्या हुआ


मैं अपने रूम में पंहुचा और सामान पैक करने लगा। अचानक ही कमरे का दरवाजा बंद हो जाता है। मैं खोलने की कोशिश करता हूँ पर वो नहीं खुलता।

फिर मैं जल्दी से अपना मोबाइल निकला और तुम्हे फ़ोन लगाया। जब फ़ोन नहीं लगा तो मैंने तुम्हे WhatsApp पर मैसेज कर दिया।

और तभी मेरे सामने राहुल की आत्मा आकर खड़ी हो गयी। मेरे कमरे में एकदम अँधेरा हो गया।

और मैंने अपने आपको बाथरूम बंद कर लिया। टोर्च जलाकर डायरी में ये बाकी सारी बातें लिखकर खिड़की से पेड़ के नीचे फेंक दिया।

इसके आगे डायरी में कुछ भी नहीं लिखा था। नीलेश के साथ क्या हुआ? ये मुझे जानना था।

इसलिए मैं नीलेश की डायरी पढ़ने के बाद तुरंत ही उसके हॉस्टल में उसके मैनेजर से मिलने गया। और उनसे पूछा की नीलेश कहाँ हैं?

उन्होंने दुःख से बोला 3 दिन पहले सुबह को उसके कमरे में उसकी लाश मिली। अब वो हमारे बीच नहीं रहा।

मैंने पूछा कैसे हुआ ये सब? तो उन्होंने कहा किसी को नहीं पता। सभी को यही लग रहा है ये एक सुसाइड है। उन्होंने कहा अब उस कमरे में ताला लग गया है। और आज भी उस हॉस्टल में वो कमरा बंद है।